जौहर : सतीत्व रक्षार्थ सर्वस्व समर्पण

जौहर

जौहर – अपने शील और सतीत्व की रक्षार्थ अपने आपको पवित्र अग्नि में समर्पित कर देना है , इससे क्षत्रिय वंश को ही नहीं अपितु सम्पूर्ण राष्ट्र को गर्व है ।

चेतक Chetak : महाराणा प्रताप का स्वामीभक्त घोड़ा

चेतक घोड़ा

इस विश्व प्रसिद्ध युद्ध में जन जन ही नहीं वल्कि सेना में हाथी घोड़े भी शस्त्रों सहित जिरह बख्तर धारण किए अपने अपने स्वामी के साथ लड़े और इतिहास में अमर हो गए।

वीरांगना किरण देवी : प्राणों की भीख मांगता अकबर।

वीरांगना किरण देवी

वीरांगना किरण देवी प्रतीक है सम्पूर्ण मातृ शक्ति की , शौर्य की, पराक्रम की। इनकी वीरता और शौर्य के कारण अकबर को अपने प्राणों की भीख मांगनी पड़ी ।

विजय स्तम्भ – महमूद खिलजी पर विजय की याद में बनाया

विजय स्तम्भ महाराणा कुम्भा ने गुजरात और मालवा के तुर्क आक्रांताओं को न केवल परास्त किया बल्कि उनको कैद भी रखा। मालवा के सुल्तान महमूद शाह खिलजी को सारंगपुर युद्ध में परास्त कर अपनी ऐतिहासिक विजय की याद में इसका निर्माण कराया।

स्वामिभक्त शुभ्रक घोड़ा – जिसने कुतुबुद्दीन ऐबक को मारा

मेवाड़ जिसमें अनगिनत वीर योद्धा और वीरांगनाओं का नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज हैं लेकिन मेवाड़ में तो हाथी रामप्रसाद , घोड़े चेतक और शुभ्रक अपनी स्वामिभक्ति के कारण इतिहास में अमर हो गए। शुभ्रक जिसने अपने स्वामी को बचाने कुतुबुद्दीन ऐबक को मार दिया।

पन्नाधाय : क्षत्राणी पन्ना का सर्वोच्च बलिदान

क्षत्राणी पन्ना गांगरोन (झालावाड़) के शासक राजा शत्रुशाल की बेटी थी और उनका विवाह चित्तौड़गढ़ के वीर योद्धा समर सिंह सिसोदिया से विवाह हुआ था।