कल्पना कीजिए, एक शानदार सफेद महल जो नीले पानी की सतह पर तैरता हुआ प्रतीत होता है। चारों ओर अरावली की पहाड़ियाँ, ऊपर नीला आसमान और पानी में महल का प्रतिबिंब – यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि उदयपुर का जगनिवास (Lake Palace Udaipur) है। इस महल का निर्माण महाराणा जगत सिंह द्वितीय ने 1743-1746 के बीच करवाया था, और आज यह दुनिया के सबसे खूबसूरत हेरिटेज होटल्स में से एक है।
इस ब्लॉग में, हम आपको इस महल के इतिहास, वास्तुकला, रोचक तथ्यों और यात्रा टिप्स के बारे में बताएँगे।
इतिहास: जगनिवास महल (Lake Palace Udaipur) का निर्माण
युवराज जगत सिंह की इच्छा
18वीं शताब्दी के मेवाड़ राजघराने में एक दिलचस्प घटना घटी जब युवराज जगत सिंह ने अपने पिता महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय (1710-1734 ई.) से एक असामान्य निवेदन किया। राजकुमार चाहते थे कि वे अपनी युवरानी के साथ पिछोला झील में स्थित जगमंदिर महल में निवास करें।
पिता महाराणा संग्राम सिंह जी द्वितीय की दूरदर्शिता
हालाँकि, उस समय मेवाड़ में पर्दा प्रथा का कड़ाई से पालन होता था। महाराणा संग्राम सिंह ने इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि राजपरिवार की महिलाओं को बार-बार नाव से आने-जाने की स्थिति में सार्वजनिक रूप से दिखना पड़े। इसके बजाय, उन्होंने एक बुद्धिमान समाधान निकाला – उन्होंने युवराज को झील में ही एक नए महल के निर्माण की अनुमति दे दी।
यही निर्णय आगे चलकर मेवाड़ की सबसे खूबसूरत विरासतों में से एक बना। महाराणा जगत सिंह द्वितीय (1734-1751 ई.) ने 1743 से 1746 ई. के बीच इस भव्य महल का निर्माण करवाया, जिसे ‘जगनिवास’ नाम दिया गया। समय के साथ यह महल मेवाड़ शाही परिवार का प्रिय ग्रीष्मकालीन निवास स्थान बन गया, जहाँ वे झील की शीतल हवाओं और मनोरम दृश्यों का आनंद लेते थे।
इस प्रकार, एक राजकुमार की निजी इच्छा और उसके मेवाड़ की सामाजिक मर्यादाओं की समझ ने मिलकर उदयपुर की सबसे प्रतिष्ठित विरासत को जन्म दिया, जो आज पूरी दुनिया में ‘Lake Palace Udaipur’ के नाम से प्रसिद्ध है।
जगनिवास से Lake Palace Udaipur तक का सफर
1963 में महाराणा भगवत सिंह ने जगनिवास को ‘द लेक पैलेस होटल’ में बदलकर इतिहास रच दिया। यह निर्णय उदयपुर को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने वाला साबित हुआ। 1971 में ताज ग्रुप के साथ हुए समझौते ने इस महल को विश्वस्तरीय लक्जरी होटल में तब्दील कर दिया।
इसने उदयपुर को पर्यटन की दुनिया के मानचित्र पर ला दिया और दुनिया भर से लोग, अमीर और शक्तिशाली, राष्ट्राध्यक्ष और हॉलीवुड अभिनेता झील में एक द्वीप पर एक लक्जरी होटल में रहने का अनुभव करने के लिए उदयपुर आने लगे।
आज यहाँ दुनिया भर के प्रभावशाली लोग – राजनेता, हॉलीवुड सितारे और धनाढ्य पर्यटक – झील के बीच इस असाधारण होटल में ठहरने का अनुभव लेते हैं। पूरी तरह भरी झील में यह महल जादुई रूप से पानी पर तैरता हुआ प्रतीत होता है, जो इसकी खासियत को और बढ़ाता है।
जगनिवास: मेवाड़ की उत्कृष्ट स्थापत्य एवं वास्तुकला
18वीं शताब्दी तक उदयपुर ने अपनी विशिष्ट निर्माण शैली विकसित कर ली थी, जिसे “महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय शैली” कहा जा सकता है। जगनिवास इसी शैली का एक शानदार उदाहरण है – पिछोला झील पर तैरता हुआ एक श्वेत संगमरमर का स्वप्निल महल, जिसमें गुंबद, बुर्ज और नक्काशीदार बालकनियाँ इसकी भव्यता को बढ़ाती हैं।
निर्माण सामग्री एवं तकनीक
- संगमरमर: राजनगर (उदयपुर से 66 किमी दूर) से लाया गया, जिसे बैलगाड़ियों द्वारा ढोकर लाया गया था।
- वास्तु शैली: मुख्य रूप से मेवाड़ी राजपूत, जिस पर मुगल प्रभाव स्पष्ट है।
- सफेद संगमरमर की दीवारें, जो सूर्य की रोशनी में चमकती हैं।
- कोमल नक्काशीदार छतें और खिड़कियाँ, जो प्राकृतिक हवा और रोशनी को अंदर आने देती हैं।
- झील के बीच होने के कारण, यहाँ से सिटी पैलेस और अरावली की पहाड़ियों का नज़ारा अद्वितीय है।
- प्रेरणा: चित्तौड़गढ़ और कुंभलगढ़ के किलों से लिए गए डिज़ाइन तत्व, जिनका निर्माण महाराणा कुंभा ने करवाया था।
इस प्रकार, जगनिवास न केवल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है, बल्कि मेवाड़ की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है।
महल के प्रमुख भाग:
✅ दरबार हॉल: राजसी ठाठ से सजा, जहाँ महाराणा अपने मेहमानों से मिलते थे।
✅ रॉयल सुइट्स: शाही अंदाज़ में सजे कमरे, जहाँ आज भी लक्ज़री स्टे मिलता है।
✅ नीलकंठ मंदिर: महल के अंदर स्थित भगवान शिव का प्राचीन मंदिर।
पिछोला झील में बना है जग निवास (Lake Palace Udaipur)
14वीं शताब्दी में महाराणा लाखा (1382-1421 ई.) के शासनकाल में निर्मित, पिछोला झील उदयपुर की सबसे प्राचीन जल संरचनाओं में से एक है। 1560 में महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने इसका विस्तार कर इसे वर्तमान भव्य रूप दिया।
मुख्य विशेषताएं:
- क्षेत्रफल: 6.96 वर्ग किमी
- अधिकतम गहराई: 10.5 मीटर
- जल संग्रहण क्षमता: 4.83 लाख घन मीटर
- जुड़ी हुई जल संरचनाएं: गोवर्धन सागर, दूध तलाई, स्वरूप सागर
यह झील न केवल जगनिवास महल को प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उदयपुर के जल संतुलन को भी बनाए रखती है।
जग निवास महल के बारे में वर्षों से प्रचलित किस्से
पिछोला झील कभी-कभार सूख जाती है, जैसे 2005-2006 में, जब एक अमेरिकी पर्यटक शाम को होटल पहुँचा। उसने सुबह 6 बजे कुंभलगढ़ जाने के लिए कार माँगी, लेकिन अगले दिन उसे बताया गया कि नाव उसका इंतज़ार कर रही है। हैरान होकर उसने पूछा, “झील सूखी है, तो नाव कैसे चलेगी ? “ तभी पता चला कि रातभर की भारी बारिश ने झील को पुनर्जीवित कर दिया था, और होटल अचानक पानी से घिर गया!
ऐसे ही कई रोमांचक किस्से इस ऐतिहासिक महल से जुड़े हैं, जो इसकी रहस्यमयी छवि को और बढ़ाते हैं।
ऐतिहासिक महत्व:
- मूल रूप से इसे “जगत निवास” नाम दिया गया था, जो महाराणा के नाम पर रखा गया।
- ब्रिटिश काल में, यह महल अंग्रेज़ अधिकारियों के लिए एक शाही गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल होता था।
- 1971 में, इसे ताज समूह ने एक लग्जरी होटल में बदल दिया और आज यह Taj Lake Palace के नाम से विश्व प्रसिद्ध है।
क्या आप जानते हैं?
James Bond फिल्म “Octopussy” (1983) का कुछ हिस्सा इसी महल में फिल्माया गया था, जिसके बाद से यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर हो गया।
1983 में हॉलीवुड जेम्स बॉन्ड फिल्म ‘ऑक्टोपसी‘ की शूटिंग हुई थी और इसी के बाद लेक पैलेस दुनिया भर में मशहूर हो गया। इसके बाद कुछ बॉलीवुड हिंदी फिल्मों की शूटिंग भी यहां हुई, जैसे ‘मेरा साया‘ और आज तक कई फिल्में यहां शूट की जा चुकी हैं।
जगनिवास में ठहरे महाराणा के अतिथि
एसएनओ | अतिथि का नाम | तारीख | महाराणा |
---|---|---|---|
1. | ब्रिटिश राजनीतिक एजेंट, मेजर स्पीयर | 29 अक्टूबर 1838 ई. | महाराणा सरदार सिंह |
2. | बीकानेर के महामहिम महाराज रतन सिंह | 6 जनवरी 1840 ई. | महाराणा सरदार सिंह |
3. | नीमच में ब्रिटिश एजेंट, खेरवाड़ा से मिस्टर शोर आरएम एनेस्ले | 6 दिसम्बर 1858 ई. | महाराणा स्वरूप सिंह |
4. | ब्रिटिश एजेंट विलियम फ्रेडरिक ईडन | 14 अक्टूबर 1864 ई. | महाराणा शम्भू सिंह |
5. | ब्रिटिश एजेंट जे.पी. निक्सन | 24 मई 1865 ई. | महाराणा शम्भू सिंह |
6. | निवासी विलियम फ्रेडरिक ईडन | 21 नवम्बर 1865 ई. | महाराणा शम्भू सिंह |
7. | ब्रिटिश एजेंट टी. कैडेल | 28 अप्रैल 1879 ई. | महाराणा सज्जन सिंह |
8. | ब्रिटिश एजेंट एडवर्ड ब्रैडफोर्ड | 7 दिसम्बर 1880 ई. | महाराणा सज्जन सिंह |
9. | ब्रिटिश एजेंट कर्नल जॉन प्राउडफुट स्ट्रैटन | 7 मई 1881 ई. | महाराणा सज्जन सिंह |
10. | श्री एम.ई. ग्रांट डफ | 10 अक्टूबर 1885 ई. | महाराणा फतेह सिंह |
11 | लॉर्ड एल्गिन द्वितीय, भारत के वायसराय | 14 नवम्बर 1896 ई. | महाराणा फतेह सिंह |
12. | प्रिंस आर्थर, ड्यूक ऑफ कैनॉट | 19 नवम्बर 1905 ई. | महाराणा फतेह सिंह |
13. | लॉर्ड मिंटो, भारत के वायसराय | 1 नवम्बर 1909 ई. | महाराणा फतेह सिंह |
14. | ब्रिटिश रेजिडेंट डब्ल्यूएएम गार्स्टिन | 7 जून 1933 ई. | महाराणा भूपाल सिंह |
जगनिवास में आगंतुक
एसएनओ | अतिथि का नाम | तारीख | महाराणा |
---|---|---|---|
1. | आरएम एनेस्ले और कैप्टन जेसी ब्रुक | 9 फरवरी 1847 ई. | महाराणा स्वरूप सिंह |
2. | कर्नल जॉन लो | 13 फरवरी 1852 ई. | महाराणा स्वरूप सिंह |
3. | कर्नल लॉरेंस | 31 जनवरी 1854 ई. | महाराणा स्वरूप सिंह |
4. | ब्रिटिश रेज़िडेंट विलियम फ्रेडरिक ईडन | 10 फरवरी 1860 ई. | महाराणा स्वरूप सिंह |
5. | ब्रिटिश निवासी अलेक्जेंडर रॉस इलियट हचिंसन | 22 मई 1868 ई. | महाराणा शम्भू सिंह |
6. | पंडित श्री जवाहरलाल नेहरू, भारत के प्रधान मंत्री | 18 अप्रैल 1948 ई. | महाराणा भूपाल सिंह |
7. | श्रीमती जैकलीन कैनेडी, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जॉन एफ कैनेडी की पत्नी | 16 मार्च 1962 | महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ |
- टिप्पणी:1. महाराणा जगत सिंह द्वितीय (शासनकाल 1734-1751 ई.) से लेकर महाराणा भीम सिंह (शासनकाल 1778-1828 ई.) तक केवल मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य ही जगनिवास में रहते थे।2. महाराणा भूपाल सिंह (जन्म 1930 – 1955 ई.) ने मेहकमा खास को स्थानांतरित किया; उनका सचिवालय, जगनिवास को।
- स्रोत:महाराणा मेवाड़ शोध संस्थान, महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन, सिटी पैलेस, उदयपुर
कैसे पहुँचें और क्या देखें?
सर्वोत्तम समय
- अक्टूबर-मार्च (ठंडा मौसम, तापमान 10-25°C)।
मुख्य आकर्षण
✔ सनसेट बोट राइड – झील पर महल का मनोरम दृश्य।
✔ रात की लाइटिंग – जगमगाता महल।
✔ रॉयल सुइट्स – शाही अनुभव के लिए बुक करें।
प्रश्नोत्तर (FAQ)
Q1. क्या लेक पैलेस में रुक सकते हैं?
हाँ, यह Taj Lake Palace Hotel है, जहाँ लक्ज़री सुइट्स उपलब्ध हैं।
Q2. एंट्री फीस कितनी है?
बाहरी पर्यटकों के लिए ₹1000, होटल गेस्ट्स के लिए मुफ्त।
Q3. फोटोग्राफी की अनुमति है?
हाँ, लेकिन प्रोफेशनल शूटिंग के लिए अनुमति लेनी पड़ती है।
Q4. क्या यहाँ शूटिंग की अनुमति है?
हाँ, लेकिन प्रोफेशनल शूटिंग के लिए पहले अनुमति लेनी पड़ती है
निष्कर्ष: एक अनमोल कृति
Lake Palace Udaipur सिर्फ एक होटल नहीं, बल्कि मेवाड़ की गौरवशाली विरासत है। चाहे आप इतिहास के पन्ने पलटना चाहते हों, या फिर एक लक्ज़री अनुभव चाहते हों – यह महल आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।
Source : महाराणा मेवाड़ शोध संस्थान, महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन, सिटी पैलेस, उदयपुर
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